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हेलो दोस्तों, अभी हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में पृथ्वी विज्ञान योजना को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना के लिए 4797 करोड़ का बजट तैयार हुआ है, बाढ़ भूकंप सुनामी तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी करने तथा समुद्री बदरुवीय संसाधनों की खोज के लिए आने वाले समय में देश में व्यापक अध्ययन प्रणाली विकसित कि जाएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की तरफ से भी इस योजना को मंजूरी दे दी गई है। भारत का पृथ्वी प्रणाली विज्ञान की दिशा में यह पहला महत्वपूर्ण प्रगति प्रतीक योजना है, जिसमें जलवायु अनुसंधान, विज्ञान महासागर सेवाएं, भूकंप, विज्ञान और बहुत कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र को शामिल किया गया है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से पृथ्वी विज्ञान योजना के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
पृथ्वी विज्ञान योजना क्या है
पृथ्वी प्रणाली और परिवर्तन के महत्वपूर्ण संकेत को रिकॉर्ड करके पृथ्वी पर आने वाली प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणियों और उनकी रख रखाव को समझने के लिए पृथ्वी विज्ञान योजना को शुरू किया गया है। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की संस्थाएं जो एकीकृत बहुविक पृथ्वी विज्ञान अनुसंधान और उनमें होने वाले अनेक कार्यक्रमों को अध्ययन करने की क्षमताएं विकसित करेगी। भारत सरकार इस योजना को 5 साल की अवधि के लिए चलाएगी, इसके तहत 4997 करोड रुपए का बजट भी तैयार किया गया है। इस योजना के अंतर्गत एकीकृत अनुसंधान और विकास मौसम जलवायु, महासागर क्रायोस्फियर, भूकंपीय विज्ञान तथा अन्य बड़ी सेवाओं की चुनौतियों के समाधान निकालने के लिए कार्य करेगी।
पृथ्वी विज्ञान योजना के उद्देश्य
सरकार द्वारा इस योजना को शुरू करने का एकमात्र उद्देश्य पृथ्वी पर रह रहे प्राणियों को परिवर्तन के महत्वपूर्ण संकेत को समझने के लिए शुरू किया गया है। जिसके तहत वह वायुमंडल, महासागर, भूमंडल और ठोस पृथ्वी के दीर्घकालिक अवलोकन रूप को बढ़ाने वाले संकेतों को रिकॉर्ड कराने से है। इसके अलावा सरकार मौसम को समझने और उनकी भविष्यवाणी करने के लिए एक मॉडलिंग सिस्टम के विकास को शामिल करने से है, जिसके लिए पृथ्वी के ध्रुवीय घटनाओं और संसाधनों की खोज करने पर पृथ्वी की दिशा के द्रव्य और उच्च समुद्री क्षेत्र की खोज कर सके। इस योजना को पृथ्वी प्रणाली विज्ञान से प्राप्त ज्ञान और अंतर्दृष्टि को समाज में होने वाले पर्यावरण और आर्थिक लाभ की सेवाओं के रूप में देखा जाएगा।
पृथ्वी विज्ञान योजना के कुछ मुख्य तथ्य
पृथ्वी विज्ञान योजना में देश के लिए सेवाएं प्रदान करने और प्रणाली विज्ञान की समझ में सुधार लाने के लिए पांच विषयों को शामिल किया है, जो कुछ इस प्रकार से हैं, जिनके बारे में हम विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे।
- पोलर साइंस एंड क्रायोस्फियर रिसर्च
- सीस्मोलॉजी और जियोसाइंस
- रिसर्च, एजुकेशन, ट्रेनिंग एंड आउटरिच
- एटमॉस्फेयर एंड क्लाइमेट रिसर्च मॉडलिंग ऑब्जर्विंग सिस्टम
- ओसियन सर्विसेज, मॉडलिंग एप्लीकेशन, रिसोर्स एंड टेक्नोलॉजी
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को दिए गए महत्वपूर्ण निर्देश
इस योजना के अंतर्गत पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को कुछ निर्देश दिए गए हैं, जिससे समाज के लिए मौसम जलवायु महासागर, तटीय राज्य, जल विज्ञान, भूकंप विज्ञान और प्रगति से संबंधित सभी खतरों के बारे में विज्ञान सेवा प्रदान करेगी। इसके अलावा पृथ्वी के तीन ध्रुव ऑन की खोज करने की भी निर्देश दिए गए हैं। मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई सभी विभिन्न एजेंसियो और राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक आपदाओं से भारत के नागरिकों को बचाने के लिए तथा उनकी संपत्ति को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए इस योजना के तहत निर्देश दिए गए हैं।
मंत्रालय द्वारा मदद करने वाले संस्थानों के नाम
इस योजना के तहत पृथ्वी विज्ञान मॉडल की मदद करने वाले संस्थानों के नाम कुछ इस प्रकार से हैं।
- भारत मौसम विज्ञान विभाग
- राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केंद्र
- राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र
- राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान
- राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान अध्ययन केंद्र
- भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान
- समुद्री जीवन संसाधन और पारिस्थितिकी केंद्र
- राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र
- भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र
- राष्ट्रीय ध्रुव और महासागर अनुसंधान केंद्र
दोस्तों, पृथ्वी विज्ञान योजना के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने का प्रयास किया है। हाल ही में नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना के तहत मजदूरी दे दी गई है। यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई है, तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं।
धन्यवाद